राष्ट्रीय भगवा रक्षा वाहिनी
जिसके जीवन में दान नहीं, दया नहीं
दान करना बहुत ही पुण्य का काम माना जाता है. सनातन धर्म में सदियों से ही दान की परंपरा रही है. आज भी लोग मन की शांति, मनोकामना पूर्ति, पुण्य की प्राप्ति, ग्रह-दोषों के प्रभाव से मुक्ति और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दान करते हैं. .